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Short Hindi story-बीरबल काकी गणना

 बीरबल काकी गणना

एक दिन अकबर और बीरबल शिकार करने गए। जंगल में कई कौवे देखे गए। उन कौवे को देखकर महाराजा अकबर को एक विचार आया।


वे मनोरंजन के लिए बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेना चाहते थे। वह तुरंत अपने बगल में बीरबल के पास गया और कहा, "बीरबल, हमारे राज्य में कितने कौवे हैं?" पूछा।

बीरबल रेप्पा अर्चकुंडा तुरंत नहीं कहते हैं, "सम्राट, हमारे राज्य में बिल्कुल निन्यानबे हजार, छह सौ तैंतालीस कौवे हैं।"

अकबर महाराजा को आश्चर्य हुआ और उन्होंने कहा, "आप ऐसा कह रहे हैं, अगर और कौवे हों तो क्या होगा?" पूछा।

"लेकिन हमारे राज्य के कौवे पड़ोसी राज्यों से आए थे," बीरबल ने कहा।

"क्या होगा अगर कम है?" अकबर ने पूछा

"लेकिन जैसे हमारे राज्य के कौवे अपने बसेरा से मिलने जाते हैं!" बीरबल ने कहा।

यह कहानी आज भी बीरबल की बुद्धिमत्ता और शिष्टता के उदाहरण के रूप में उद्धृत की जाती है। दरअसल, अकबर ने महाराजा द्वारा पूछे गए प्रश्न का बुद्धिमानी से उत्तर दिया! आप क्या

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