बिच्छू का डंका चोर
उन दिनों तेनाली के रामलिंगडी गांव में लुटेरों का काफी खौफ था। आए दिन कोई न कोई किसी के घर में चोरी और लूटपाट करता था। रामलिंग ने सोचा कि एक चोर कभी उसके घर जरूर आयेगा। इसलिए उसने अपनी पत्नी के साथ छल किया।
रामलिंग एक बिच्छू लेकर आए और उसे माचिस की डिब्बी में डाल दिया, घोंसले में रख दिया और सभी पत्नियों को बताया कि क्या करना है। उसी रात एक चोर रामलिंगडी के घर में घुस गया। उसने यह देखा और अपनी पत्नी से जोर से कहा ...
उसने कहा, "अरे! मेरा बड़ा भाई दूसरे दिन मेरे लिए एक अंगूठी लाया... तुमने कहाँ रखा था?" इस पर उसने कहा, "क्या वह हीरे की अंगूठी है? ओह माय डियर, मैंने इसे माचिस की डिब्बी में डाल दिया और घोंसले में रख दिया.. मैं इसे बाहर निकालकर बॉक्स में रखना भूल गई।"
रामलिंगाडु ने कहा, "आपने कितना काम किया है। यह लाखों की हीरे की अंगूठी है। अगर कोई चोर इसे छीन लेता है, तो यह हमारा भाग्य होगा।" "कोई बात नहीं, सो जाओ। वे तुम्हें सुबह एक बड़े डिब्बे में डाल देंगे..!" एंडी की पत्नी। इतना कहकर वे सोने का नाटक कर लेट गए।
यह सब सुनकर चोर ने देखा कि रामलिंगदी का जोड़ा गहरी नींद में सो रहा था और उसने धीरे से घोसले में हाथ डाला और माचिस ले ली। उसने उसे खोला और अंगूठी के लिए अपनी उंगली रख दी। और क्या? बिच्छू ने चोर की उंगली काट दी। इससे बिना चाबी का चोर दर्द से परास्त हो गया। फिर भी उसने शोर मचाया तो धीरे से नीचे खिसक गया, इस डर से कि चारों आकर उसे पकड़ लेंगे।
यह सब देख रहे रामलिंगडी दंपत्ति हंस पड़े। तब रामलिंग ने अपनी पत्नी का मजाक उड़ाते हुए कहा, "यह अफ़सोस की बात है कि हमारी बड़ी अंगूठी एक चोर ने चुरा ली है।" जब चोर को रामलिंग के धोखे के बारे में पता चला, तो उसने फिर से उसके पास नहीं जाने का फैसला किया।
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